Brief history of time by Stephen Hawking in Hindi समय का संक्षिप्त इतिहास

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  • Brief history of time by Stephen Hawking in Hindi
  • समय का संक्षिप्त इतिहास
  • अनुवादक क� ओर से सृि� की रचना के �योजन को जानने की उ��ा अित �ाचीनकाल से मानविच�न को झकझोरती रही है। इस रह� को जानने की िज�ासा ने स�ता के शैशवकाल से ही बौ��क िवकास के साथ-साथ सम� दाशिनक िच�न को िदशािनदिशत िकया है। ��ा� की उ�ि� िकस �कार �ई, यह कहाँ से आया, �ा यह सदैव से अ��� मथा या इसका कोई रचियता है, �ा िव�-पटल पर बु��जीवी मनु� का �ादुभाव मा� एक सांयोिगक घटना है अथवा मनु� के िलए ��ा� की रचना की गई, आिद अनेक ऐसे गूढ़ �� ह िजनके िववेचन के िलए शा�ों की रचना की गई। ऐसा लगता है, अित �ाचीनकाल म भारत के (म���ा) ऋिष अपनी आ�ा��क �मताओं को िवकिसत करके ऐसे िन�ष� पर प�ँचे जो आधुिनक समय म ��ािवत ��ा� के िविभ� मॉडेलों के काफी अनु�प ह। यह िन�य ही एक सुखद आ�य है। भारतीय वाङ् मय म अनेक ऐसे �संग िबखरे पड़े ह िजनम एक दोलनकारी ��ा� की क�ना की गई है। िव�ान के िवकास के साथ ही ��ा� के िवकास की परतखुलती जा रही ह। अब हम ��ा� की उ�ि� से जुड़े कुछ नए ग�ीर ��ों के समाधान ढूँढ़ते �ए सृि� की रचना के �ार��क पलों तक जा प�ँचे ह िजससे आगे बढ़ने पर िव�ान के िनयम िवफल हो जाते ह तथा हमारी समझ की सीमा िनधा�रत हो जाती है। ‘ए �ीफ िह�ी ऑफ टाइम’ ��ा��की के िवकास का एक संि�� द�ावेज है। यह �ार��क भू-के��क ��ा��िकयों से �ार� करके बाद की सूय-के��क ��ा��िकयों से होते �ए एक अन� ��ा� अथवा अन� �प से िव�ृत अनेक ��ा�ों तथा कृिम-िछ�ों की प�रक�नाओं तक की हमारी िवकास-या�ा का एक संि�� वणन है। ��ा� िवल�णता की ��थित से �ार� �आ या िदक्-काल की कोई सीमा है अथवा नहीं, या पूरी तरह से �यंपूण (self-contained) है तथा अपने से बाहर िकसी भी व� के �ारा �भािवत नहीं होता तथा इस �कार यह पूणतः शा�त है, आिद ऐसे अनेक िवचार ह जो अपने प� म ठोस �माण ��ुत करते ह। पर�ु चाहे यह िकसी भी �कार से �ार� �आ हो, ऐसा �ों है िक यह उन िनयमों तथा िस�ा�ों से िनय��त है िज� हम समझ सकते ह?